चलता रहु तेरी और सँवारे,
मेरा चलता नहीं कोई जोर सँवारे,
अठरा क्या अठरासो क्या अठरा हज़ार चल लूंगा,
तेरे लिये मैं सांवरिया कुछ भी मैं कर दूंगा,
मैं नाचू गा बन कर के मोर सँवारे,
चलता रहु तेरी और सँवारे,.......
मुझको है मालूम तू बाबा रुकने मुझे न देगा,
अपने सिवा किसी और के आगे झुकने मुझे न देगा,
तेरे पीछे रहा हु मैं दौड़ सँवारे,
चलता रहु तेरी और सँवारे.......
चलते चलते जल्दी से तेरा दर्शन मिल जाये,
दर्शन पाके सांवरियां तेरा कला भवन खिल जाये,
तेरी प्रेमी नहीं है कमजोर सँवारे,
चलता रहु तेरी और सँवारे,