श्याम हमारी पूजा अर्चन किरपा कर स्वीकार करो,
भगवन मेरे दर पे तेरे आये है हम उद्धार करो,
ना पूजा का थाल साँवरे ना अक्षत ना चंदन है,
मोन खड़ा कर जोड़ निहारुं अंतर्मन हरि वंदन है,
श्रद्धा सुमन नीर नयनों क है भगवन स्वीकार करो,
श्याम हमारी पुजा अर्चन.....
मन मंदिर में ठाकुर बस जा दर्शन पाऊं जी भर के,
करले अरज कबूल साँवर जाना ना कभी तज कर के,
नित तेरा गुणगान करूँ मै सपनो को साकार करो,
श्याम हमारी पुजा अर्चन....
बंशी की वो मधुर रागनी आकर श्याम सुना जाओ,
व्याकुल है प्रभु प्राण हमारे आकर धीर बंधा जाओ,
नंदू के नन्दलाल कृपा कर दे दर्शन सब पीर हरो,
श्याम हमारी पुजा अर्चन.......