जख्मो दिलो के आज किसी को दीखते नही
दुआओं में भी प्राण किसी के बचते नही
हुनी पे अगर आज जो आये और जबा
एसी घड़ी में साईं जी आ जाओ याहा
थालो सजी है पूजा की पर भक्ति नही,
सच केहने की आज किसी में शक्ति नही
चारो और है झूठ का धुँआ धुँआ
एसी घड़ी में बाबा जी आ जाओ याहा
बेजुबान हु कलम से ही कह पाउगा मैं,
इन भक्तो के पीछे नही रेह पाउगा मैं
दोस्त बन के जो दे रहे मुझे दगा,
एसी घड़ी में साईं जी आ जाओ याहा
गुनागार को आज सजा मिलती नही,
रेहम की रोनक किसी चेहरे पर दिखती नही
इंसान तेरी इंसानियत भी हुई जुदा
एसी घड़ी में साईं जी आ जाओ याहा