हम साई के दीवाने साई के दर चले है,
कहते है जिसको शिरडी शिरडी नगर चले है,
हम साई के दीवाने साई के दर चले है,
साई का सिर पे साया डरने की बात क्या है,
आंधी हो या हो तूफ़ान रुकने की बात क्या है,,
रोके गा कौन हमको वो कर निडर चले है,
हम साई के दीवाने साई के दर चले है,
हम पीछे चल रहे है साई हमारे आगे,
साई को साथ देखा दुःख दर्द सारे भागे,
हम तो उधर चले है साई जिधर चले है,
हम साई के दीवाने साई के दर चले है,
दुनिया के साथ रह कर दुनिया का साथ देखा ,
मतलब के सभी साथी करते है घाट देखा,
दुनिया के तोड़े बंधन हम बे फ़िक्र चले है ,
हम साई के दीवाने साई के दर चले है,
गबरना श्याम कैसा हिमत से काम लेना,
आ जाए जो मुसीबत साई का नाम लेना,
दीदार उनका होगा विस्वाश पे चले है,
हम साई के दीवाने साई के दर चले है,