एक सवाल है तेरे प्रेमी का पूछ रहा हु पता सांवरिया
जीतने का मन जब करता नही,
हारने मुझे तू क्यों देता नही
हार जीत बाबा मेरे सब तेरी माया है
पर मैंने सुना तू बाबा हारे का सहारा है
तेरे बिन जीत मुझको चाहिए नही बाबा
हारने मुझे तू क्यों देता नही
तेरे प्रेमी है संवारे तेरे ही कहलाये गे
छोड़ तेरी इस चोकठ को और कहा हम जाएगे
मतलब का रिश्ता तुम से बाँधा नही बाबा
हारने मुझे तू क्यों देता नही
आस मेरी इक है संवारे हाथ मेरा तू थाम ले
दुभ न जाए नैया मेरी माझी बन संबाल ले
तेरे बिन चलना मुझको आता नही
हारने मुझे तू क्यों देता नही
एक सवाल है तेरे प्रेमी का पूछ रहा हु पता सांवरियां
जीतने का मन जब करता नही बाबा
हारने मुझे तू क्यों देता नही