तेरे दर्शन को बांके बिहारी,
दर पे कब से खड़े तरसी प्यासी ये अखियाँ हमारी
तेरे दर्शन को बांके बिहारी,
ऐसे काहे हो निष्ठुर बने हो
प्रीत जन्मो की है मुरली वाले हमारी तुम्हारी
तेरे दर्शन को बांके बिहारी,
तेरे ब्रिज का मैं ग्वाला बनू तो
संग रेहना प्रभु तुम भी लेकर कमरिया काली
तेरे दर्शन को बांके बिहारी,
मुझको बैकुंठ बेशक न देना
देना मुझको बना तेरी ब्रिज की गलियन का भिखारी
तेरे दर्शन को बांके बिहारी,
सांझ होने लगी जिन्दगी की
इतनी विनती सुनो हो अखियो में मूरत तुम्हारी
तेरे दर्शन को बांके बिहारी,
जो भी सोचु लिखू और मैं बोलू
कहे राम किशन तेरे ब्रिज की है लीला प्यारी
तेरे दर्शन को बांके बिहारी,