श्याम नाम की नाव पे बंदे जो भी हुआ सवार पार हो जाता है,
पाता है भई पाता है वो तो परम पद पाता है
लिया सहारा श्याम का जिसने उसका बेडा पार
परम पद पाता है
श्याम नाम की नाव पे बंदे जो भी हुआ सवार पार हो जाता है,
श्याम किरपा से ये चलती जादूगर की नोका है
सब को पार लगाती है इस में न कोई खोखा है,
कौन डूबा सकता है जिसका श्याम हो केवन धार पार हो जाता है,
चटानो से टकराती तूफानों से लड़ती है
सब वाधाये दूर हटा ये तो आगे बडती है
उची नीची लेहरे इसका कुछ न सके बिगाड़
पार हो जाता है
बड़ा अनुठा नाम इक है सारे संकट हरता है
अपने हर इक यात्री की श्याम सुरक्शा करता है
हर पल हर शन ध्यान ये रखता इतना करता प्यार पार हो जाता है
इस नोका पर जो चढ़ ते लोग वही बडभागी है
बिन्नू जिन मतवालों की लगन श्याम संग लागी है
ऐसे दीवानों की खातिर खुला मोक्ष का द्वार पार हो जाता है