लाल चुनरिया ले गयी रे
मै तो मैया के मंदिर में
द्वारा मैया मनसा का कितना सुन्दर है
भवन तेरा बड़ा निराला है
माँ द्वार तेरा बड़ा ही प्यारा है
कितनी थी बेचैन मैया दर पे तेरे आने को
अखिय कब से तरस रही दर्शन तेरे पाने को
जिक्र माँ बोल के दर पे तेरे आया गया
सारी दुनिया छोड़ दी माँ द्वारा तेरा आ गया
मै तो दर पे आई ओ मैया
हो मैंने चुनरी चढ़ाई ओ मैया
अरे सुख का सच्चा सार तेरे मंदिर के अन्दर है
द्वारा मैया मनसा का कितना सुन्दर है
भवन तेरा बड़ा निराला है
माँ द्वार तेरा बड़ा ही प्यारा है
हरले मैया दुःख मेरे आया हु माँ हार के
कितने दिनों के बाद हुए दर्शन इस दरबार के
हर पल माँ जलती रहे ज्योत तेरे द्वार पे
तूने थामा संकट मैया आये जब संसार पे
तूने दर पे बुलाया ओ मैया
दर्शन तेरा पाया ओ मैया
हो तेरा पावन द्वार ममता का समंदर है
द्वारा मैया मनसा का कितना सुन्दर है
भवन तेरा बड़ा निराला है
माँ द्वार तेरा बड़ा ही प्यारा है