सँवारे जब से देखा है तुझको आधी पागल सी मैं हो गई हु,
तेरी नजरो की मीठी छुरी से प्यारे घ्याल सी मैं हो गई हु,
सँवारे जब से देखा है तुझको आधी पागल सी मैं हो गई हु,
वनवारी सी अब मैं घूमती सब से तेरा पता पूछती हु,
ढूंढ ते ढूंढ ते तुझको कान्हा ऐसा लगता है मैं खो गई हु,
जब से देखा है तुझको आधी पागल सी मैं हो गई हु,
मोटे नैनो से जादू चलाया रोग अच्छी भली को लगाया,
तेरी जब से ये बंसी सुनी है ना तो जगती हु न तो सो रही हु,
सँवारे जब से देखा है तुझको आधी पागल सी मैं हो गई हु,
ना दवाई कोई काम आये ना दुआ ही असर कुछ दिखाये,
तेरी यादो में जल जल कर अब तो काली काजल सी मैं हो गई हु,
सँवारे जब से देखा है तुझको आधी पागल सी मैं हो गई हु,
सँवारे तू क्यों इतना सताये इस दीवानी पे क्यों झुलम ढाये,
जिस के घुंगरू ही भिखरे पड़े हो ऐसी पागल सी मैं हो गई हु,
सँवारे जब से देखा है तुझको आधी पागल सी मैं हो गई हु,