मेरे दिल का था अरमान के तेरा हो जाऊ,
जुदा रहना ही विधि का विधान बदल मैं नहीं पाउ,
अब तू ही बस तू ही मेरी तो ख़ुशी,
बिन तेरे कुछ भी नहीं मेरी जिंदगी,
हर सांस लिखे तेरे नाम मैं तेरा हो जाऊ,
मेरे दिल का था अरमान के तेरा हो जाऊ,
बिरहा की अग्नि में नित तड़पे तेरा कान्हा,
ओ राधा बिन तेरे तेरा ये कान्हा है आधा,
तुम बिन जीवन सुनसान तुझमे ही वसे मेरा प्राण,
जुदा रहना ही विधि का विधान बदल मैं नहीं पाउ,
मेरे मन मंदिर में तेरी मूरत वस्ति है,
रह रह के तेरी यादे पीड़ा बन उठती है,
सच कहता हु मैं ले मान राधा तू ही मेरी जान जी सकू न मर पाउ,
जुदा रहना ही विधि का विधान बदल मैं नहीं पाउ,
कब मिला किसी को है किस्मत से कुछ जयदा ,
देविंदर मुकेश सदा कहे राधा का है कान्हा,
तेरी मेरी प्रीती महान जैसे चकोर और चाँद,पास तेरे हो जाऊ,
जुदा रहना ही विधि का विधान बदल मैं नहीं पाउ,