मेरे बांके बिहारी ने बुलाया चली मैं वृन्दावन को चली,
चली मै वृदावन को चली मेरे श्याम का संदेसा आया,
चली मै वृदावन को चली .........
मोर मुकट पिताम्वर धारी,
मुरली धार श्री बांके बिहारी,
मेरे बार बार सपने में आया
चली मै वृदावन को चली .......
वावरी होई मै कमली होई,
प्रेम दीवानी मै पगली होई,
श्याम विरहा में इतना सताया,
चली मै वृदावन को चली.....
बहुत ही प्यारा बांके बिहारी सूरत पर उसकी मैं जाऊ बलहारी
ऐसा उसने दीवाना बनाया
चली मै वृदावन को चली............
जग वालो मेरी राह ना रोको
मुह मेरे की बात ना तोको,
मेरा जग से जी भर आया
चली मै वृदावन को चली