हम श्याम बिन जी न सकेगे,
दर्द ये जुदाई का सेह न सकेंगे,
हम श्याम बिन जी न सकेगे,
कैसी निगोड़ी मेरी हाथो की रेखा,
रूठो जो कन्हियाँ तो फिर मूड के न देखा,
तेरा बिना मन न लागे आओ श्याम हमारे,
हम श्याम बिन जी न सकेगे,
कागा जाके कहना कुछ न कहे गे,
रूठे जो कन्हियाँ तो हम रूठने न देंगे,
जुठ भी कहे वो सच मान लेंगे,
हम श्याम बिन जी न सकेगे,