गोकुल गाँव में बजत बधाई,
चलो री सखी देखन चले,
चलो री सखी देखन चले,
चलो री सखी हम भी चले,
गोकुल गांव में बजत बधाई,
चलो री सखी देखन चले।।
चांदी के पलना में बैठे है लाल जी,
पलना झुलाएं नंदराय जी,
चलो री सखी देखन चले,
गोकुल गांव में बजत बधाई,
चलो री सखी देखन चले।।
गीत सुनाए कोई ढोल बजावे,
ताली बजाये नन्दलाल,
चलो री सखी देखन चले,
गोकुल गांव में बजत बधाई,
चलो री सखी देखन चले।।
पीत झमूलिया पहने गोपाल जी,
नज़र उतारे मैया लाल की,
चलो री सखी देखन चले,
गोकुल गांव में बजत बधाई,
चलो री सखी देखन चले।।
शुभ घड़ियां ब्रज मंडल में छाई,
नाचे नर और नार,
चलो री सखी देखन चले,
गोकुल गांव में बजत बधाई,
चलो री सखी देखन चले।।
गोकुल गाँव में बजत बधाई,
चलो री सखी देखन चले,
चलो री सखी देखन चले,
चलो री सखी हम भी चले,
गोकुल गांव में बजत बधाई,
चलो री सखी देखन चले।।