मुजको बना ले सवारिया तेरे मंदिर का मोर,
बनके मोरिया शमशम तेरे नाचू चारो और,
अथारो से अपने मुरली बजाना मुरली की धुनपर मुजको नचना,
ऐसा नचना बाबा हो जाये गली में शोर,
बनके मोरिया शमशम.....
मुरली की धुन पर तेरे उठे जो तरंग है
अये तरंग में राधा का सुगंद है,
जुम जुम के नाचू मै भव अबोर
बनके मोरिया शमशम .....
नाचे नाचे बाबा तुमको रिजाऊ ,
रुके ना कदम ये मेरे नाचता ही जाऊ,
मोहता मन मंदिर का तू है चितचोर
बनके मोरिया शमशम.......