क्या बतलाऊँ दुनिया को ये रिश्ता क्या कहलाता है
मैं तो इतना जानूं मेरा श्याम से गहरा नाता है
क्या बतलाऊँ दुनिया को ..................
ये मुझे जाने ये पहचाने क्या हूँ मैं और कैसा हूँ
श्याम के दिल के जो भाता है मैं तो बिलकुल वैसा हूँ
इसीलिए तो मुझ पर अपना जमकर लुटाता है
क्या बतलाऊँ दुनिया को ..................
अपना सब कुछ सौंप दिया है मैंने श्याम के हाथों में
दिल ये मेरा खो जाता है श्याम प्रभु की बातों में
श्याम ही मेरा ईष्ट देव है श्याम ही भाग्य विधाता है
क्या बतलाऊँ दुनिया को ..................
कितना मेरा ध्यान ये रखता बिन्नू गर्व से कहता हूँ
श्याम भरोसे श्याम की धुन में मैं तो हर पल रहता हूँ
भर भर प्याला श्याम सुधा का मुझको श्याम पिलाता है
क्या बतलाऊँ दुनिया को ..................