आज मैया यशोदा के द्वार, बधैया बाज रही,
कौन पुण्य कर आई यशोदा, गोद भरी करतार,
कंचन थार लिये ब्रज युवती, गावत मंगलचार,
बाबानन्द जू करत मुदित मन, यथायोग्य सत्कार,
सुरनर मुनि दर्शन को आये, कपट रूप तन धार,
अद्भुत कान्ति ललन मुख ऊपर, होत भवन उजियार,
Yogesh Tiwary