मुझे रोज सतावे श्याम रात को सपने में
तोहे रोज सताऊगा रात को सपने में
रात में आके खिड़की खोले खिड़की खोले मेरी बहिया मरोड़े,
मुझे खूब रुलावे श्याम रात को सपने में
मुझे रोज सतावे श्याम रात को सपने में
चुप के चुप के घर मैं आऊ घर मैं आऊ मैं माखन चुराऊ
तेरी दहिया पी जाउगा रात को सपने में
मुझे रोज सतावे श्याम रात को सपने में
मैं हु गोरी तू है काला मैं हु रानी तू है ग्वाला
काला केह के मत न चिडावे राधा अब न बात बनावे
तू करती मोहे पसंद रात को सपने में
मुझे रोज सतावे श्याम रात को सपने में