आज तेरे भक्तों पे दया,
सरकार हो जाए,
लगा दें मोरछड़ी का झाड़ा,
बेड़ा पार हो जाए।।
काम करती है ऐसा,
जो कोई कर ना पाए,
बिना झाड़े के किस्मत,
कभी भी संवर ना पाए,
आज भरे दरबार,
मेरा उद्धार हो जाए,
लगा दें मोरछड़ी का झाड़ा,
बेड़ा पार हो जाए।।
मोरछड़ी आगे आगे,
ज़माना पीछे पीछे,
देख के हो जाती है,
ये गर्दन नीचे नीचे,
इक झाड़े से हर सपना,
साकार हो जाए,
लगा दें मोरछड़ी का झाड़ा,
बेड़ा पार हो जाए।।
ये झाड़ा मोरछड़ी का,
लगा अपने हाथों से,
करा दे पूजा इसकी,
श्याम मेरे हाथों से,
थामे मोरछड़ी,
तेरा दीदार हो जाए,
लगा दें मोरछड़ी का झाड़ा,
बेड़ा पार हो जाए।।
काम अटके जो तेरा,
कभी जो नैया अटके,
अगर जो गाड़ी तेरी,
खाये ‘बनवारी’ झटके,
लेकर मोरछड़ी लीले,
असवार हो जाए,
लगा दें मोरछड़ी का झाड़ा,
बेड़ा पार हो जाए।।
आज तेरे भक्तों पे दया,
सरकार हो जाए,
लगा दे मोरछड़ी का झाड़ा,
बेड़ा पार हो जाए।।