छुम छुम बाजे पायलिया छवि दिख लाये कान्हा
मेरे घर आये कान्हा मेरे घर आये,
कान्हा घर आये..
रेन अँधेरी चंदर सवरुपी आ गये
मात यशोदा और सखियन को भा गए भा गए,
काँधे काली कमलियाँ मुख मल्कावे कान्हा
नाच नचाते आये मेरे घर आये
सुन कर बंसी सखियाँ सुध बुध खो गई खो गई,
दर्शन करके मैं तो पावन हो गई हो गई,
ऐसे प्यारे सांवरियां भाग जगाते आये
मेरे घर आये कान्हा.......
श्रावण बगियाँ थ्म्की रेन सुहावनी सुहावनी
आनंद मंगल गावे सब घज घामानी
छरमर बरसे मैं हुलियाँ रंग उड़ाते आये
मेरे घर आये कान्हा