मैं तो तेरे दर्श का दीवाना हो गया,
मियाँ तू बाता तुमको दुन्धू मैं कहा,
कैसे मैं आऊ दर पे,
उचे लम्बे रस्ते छोड़ के गुफा ना आई तू मेरे वास्ते,
तेरे लाइए लाया मैं लाल लाल झोला माँ,
तेरे दर्श के बिना तन मन डोला माँ,
अम्बे माँ दर्श दिखा तुज्को तेरा वास्ता,
मैं तो तेरे दर्श का दीवाना हो .....
हर पल देखू बस मैं तेरी तस्वीर को,
बदले गी कब मियाँ मेरी मेरी तकदीर को,
रहमत हो जाये तेरी जरा हो जाये खुदा,
दर्स में तेरा पाऊ मंगू बस यह दुआ,
क्या मैं दू भेट बता क्या मै दू शीश चड़ा,
मैं तो तेरे दर्श का दीवाना हो ....