( इस जसोल गड़ में, ये लहर छा गई है,
की भक्तों की लड़ियां उमड़ आ गई है,
मैया तेरे दर पर भला ही भला है,
बड़ा ही सुहाना ये मेला लगा है। )
भादो का मेला सुहाना लगता है,
भक्तो का तो दिल दीवाना लगता है,
पल पल पर्चे देती है मेरी मैया,
ये कोई रिश्ता पुराना लगता है,
भादो का मेला सुहाना लगता है....
सांचे चमत्कार है पर्चो का भंडारा,
बहती है दर पे तेरे करुणा की रस धारा,
कण कण में तेरा निशाना लगता है,
भक्तों का तो दिल दीवाना लगता है,
भादो का मेला सुहाना लगता है....
दीन दुखी दर्शन को मैया दर पे आते है,
झोलिया खुशियों से अपनी भरके जाते है,
चरणों में सारा ज़माना लगता है,
भक्तों का तो दिल दीवाना लगता है,
भादो का मेला सुहाना लगता है....
माजीसा का नाम और धाम प्यारा है,
तेरे भक्तो को मैया तेरा सहारा है,
भाव भक्ति का ये ठिकाना लगता है,
भक्तो का तो दिल दीवाना लगता है,
भादो का मेला सुहाना लगता है....