रोम रोम में श्याम सलोना,
श्याम के जैसा और न होना,
क्या क्या सिफ़्त सुनाऊ इसकी,
श्याम ही ओड़न श्याम बिछौना,
ओ दुनिया चाहे कुछ भी बोले मैं तो नाचूंगा,
मेरा मुरली श्याम बजावे, मैं तो नाचूंगा......
मस्त बना देंगे बाबा, रंग चढ़ा देंगे बाबा,
आजा आजा खाटू नगरी, सेठ बना देंगे बाबा,
ऐसी है श्यामा दी यारी ओए, भूलेगा दुनियादारी ओए,
जब चढ़ेगी मस्ती भारी आए, तेरी हस्ती मिट जाये सारी ओए,
अगर एक घूँट भी पीली, होश उड़ा देंगे बाबा,
आजा आजा खाटू नगरी.......
अगर दर पे फेरा हो जाये, खाटू में बसेरा हो जाये,
ये तन मन तेरा हो जाये, खुशियों का सवेरा हो जाये,
है श्याम नाम की मस्ती, होश भुला देंगे बाबा,
आजा आजा खाटू नगरी......
बिगड़ी तकदीर बना देगा,खोटा सिक्का भी चला देगा,
अगर नाम ख़जाना पा लेगा, ये भव से पार लगा देगा,
बिन गद्दी बिन पैसा, गल्ले भर देगा बाबा,
आजा आजा खाटू नगरी.......
पंडित देव शर्मा
श्री दुर्गा संकीर्तन मंडल
रानिया, सिरसा