चहल पहल हो खाटू माहि हर ग्यारस की रात

चहल पहल हो खाटू माहि हर ग्यारस की रात
सिम प्रेमियों के होंठो पे केवल एक ही बात

सजे हैं दूल्हे से बने हैं दूल्हे से
पगड़ी सजाये सर पे श्याम सजे हैं दूल्हे से
प्यारे प्यारे होंठों पे प्यारी मुस्कान है
जिसने देखा एक बार हुआ कुर्बान है
सांवरे सलोने घनश्याम सजे हैं दूल्हे से
पगड़ी सजाये सर पे श्याम सजे हैं दूल्हे से

डूबे मन सबके बहाई रसधार है
बैठा बन ठन के हमारे दिलदार हैं
हाथों में है लीले की लगाम सजे हैं दूल्हे से
पगड़ी सजाये सर पे श्याम सजे हैं दूल्हे से

बाघा पचरंगी में हीरे मोती लाल हैं
रूप है ग़ज़ब का तू लगता कमाल यही
कहता बेधड़क है मेरे श्याम सजे हैं दूल्हे से
पगड़ी सजाये सर पे श्याम सजे हैं दूल्हे से
download bhajan lyrics (379 downloads)