दरस दिखा दो ना, ओ बाबा मुझको दरस दिखा दो ना
मैं आया तेरी शरण में श्याम, मुझे अपना बना लो ना
आया हूँ जग से हार के श्याम,
तुझ बिन मिलता नहीं आराम,
सेवा करू तेरी सुबह और शाम,
दरस दिखा दो ना ओ बाबा .......
झूठा है जग, साँचा तेरा है नाम,
सबके बनाये बाबा बिगड़े काम,
बालक हूँ तेरा बाबा रखना ध्यान,
दरस दिखा दो ना ओ बाबा.......
विनती "मनु" की करो मंजूर,
सब भगतों के कष्ट हो दूर,
भगती प्रभु थारी दयो भरपूर,
दरस दिखा दो ना और बाबा अब तो गले से लगा लो ना
मैं आया तेरी शरण में श्याम, मुझे अपना बना लो ना।
रचित---मनोज कुमार ठठेरा
"मनु" झुंझुनू (राज.)
मो..9828039423