खाटू वाले हो तेरी याद सातवे रे अखियां नीर बहावे रे,
दर्श बिन दिल गबरावे रे,
खाटू वाले हो तेरी याद सातवे रे अखियां नीर बहावे रे,
सोचा नहीं था जीना पड़ेगा दर से तेरे दूर होके.
चौकठ से तेरे स्वर्ती थी किस्मत मन है वही उदास खो के,
तू अपनी मोर छड़ी लहरा तोड़ दे बाबा हर पेहरा,
क्यों न रस्ता तू दिख्लावे रे,
खाटू वाले हो तेरी याद सातवे रे अखियां नीर बहावे रे,
खाटू भी सुना गलियां भी सुनी गिरास भी सुनी गई रे,
कीर्तन थे बाबा जान हमारी होती वही अब नहीं रे,
ओ बाबा लीला कुछ कर दे तू खाटू मेला फिर भरदे,
मंत्री दर पे तेरे आये रे,
खाटू वाले हो तेरी याद सातवे रे अखियां नीर बहावे रे,
मजबूर तो देखु श्याम प्यारे तेरी ये क्या मज़बूरी ,
आना सकू मैं दर पे तुम्हारे तू ही मिटा दे ये दुरी,
समय की है कैसी धारा जेयांत इस से है हारा क्यों न रस्ता तू दिखलाये रे,
खाटू वाले हो तेरी याद सातवे रे अखियां नीर बहावे रे,