बात है श्याम की श्याम के धाम की,
जब खबर कोई लाया मजा आ गया,
क्या बातउ तुझे सँवारे ने मुझे भेज कर खत भूल्या,
मजा आ गया जी मजा आ गया.....
खुशबुए इतर की मित्र के खत में है ,
सँवारे की किरपा मेरी किस्मत में है,
झूम उठा दिल ये तब मेरी आँखों ने जब,
खत पड़के सुनाया मजा आ गया,
चाहता था जो दिल वो ख़ुशी मिल गई,
मेरी उम्मीद की हर कली खिल गई,
क्या कहु अब भला लो मैं खाटू चला,
दिन बड़ा शुभ आया मजा आ गया,
होते होते ही इतनी तरकी हुई,
अब चरणजीत की जीत पाकी हुई,
उस का वादा था जो याद था उसको वो,
उसने वधा निभाया माजा आ गया,