सावरिया की दया बिना ये जीवन है किस काम का
बेटा हूँ श्याम का मेरे घनश्याम का,
हटा के मन को दुनियाँ से , बाबा से लगन लगाई है
और नही कुछ सूझे मुझको देता वही दिखाई है
डर मने ना लागे इब तो , सर हाथ है श्याम का
बेटा हूँ श्याम का , मेरे घनश्याम का………..
धन दौलत और महल खजाने , सभी यही रह जाएगें
रिस्ते नाते कुटुम्ब कबीले , कोई काम ना आएगे
जग में आना सफल पिये जो , प्याला उसके नाम का
बेटा हूँ श्याम का , मेरे घनश्याम का………..
श्याम धणी की कृपा हो तो पत्थर हीरा बन जाए
उस वाणी का क्या कहना जो बाबा के ही गुण गाए
नजर हटे ना देख नजारा , प्यारे खाटू धाम का
बेटा हूँ श्याम का , मेरे घनश्याम का………..
मस्त रहू उसके कीर्तन में , ताली खूब बजाता हूँ
खूब नाचता हूँ में भी , भक्तो को खूब नाचता हूँ
भूलन त्यागी आये पसीना , क्या करना आराम का
बेटा हूँ श्याम का , मेरे घनश्याम का………..