म्हारा भर दे रे भण्डार

बाँध के पगड़ी ले हाथ निशान चले दीवाने खाटू धाम
हार के जो भी आया खाटू नगरी बनते बिगड़े काम

दर पे तुम्हारे आई हूँ खाली झोली लाइ हूँ
म्हारा भर दे रे भण्डार खाटू वाला श्याम धणी
श्याम धणी रे म्हारो श्याम धणी
म्हारा भर दे रे भण्डार ................

जब से लियो है थारो नाम पल में बनता बिगड़ा काम
जपूँ नाम सुबह और शाम  खाटू वाला श्याम धणी
म्हारा भर दे रे भण्डार ................

मोरछड़ी का जब झाड़ा लगा संकट सारा दूर भगा
तेरी महिमा अपरम्पार खाटू वाला श्याम धणी
म्हारा भर दे रे भण्डार ................

प्रेमी थारो बन बैठो प्यार तुम्ही से कर बैठो
भानु पे कियो उपकार खाटू वाला श्याम धणी
म्हारा भर दे रे भण्डार ................
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