मैं जीत जाऊंगा गर साथ तुम मेरे,
मेरे खाटू वाले श्याम मैं कुछ नहीं बिन तेरे,
सँवारे पकड़ो मेरा हाथ रे......
तेरे भरोसे पे मैंने ज़िंदगी छोड़ी,
अपनी राहे बाबा तेरे दर पे ला मोड़ी,
मैं तेरा सेवक हु मालिक हो तुम मेरे,
मेरे खाटू वाले श्याम मैं कुछ नहीं बिन तेरे,
सँवारे पकड़ो मेरा हाथ रे......
चाहे गम की चले आंधी चाहे दुःख हो गेरे खड़े,
किस बात की चिंता जब श्याम शरण में पड़े,
ना गबरहुगा मैं जो संग तू चले मेरे,
मेरे खाटू वाले श्याम मैं कुछ नहीं बिन तेरे,
सँवारे पकड़ो मेरा हाथ रे......
रूबी दमकसार शरधा से झुक जाता,
दुःख गद्दी में तू ये सास कराता,
मुश्किल कितनी आये तू साथ है मेरे,
मेरे खाटू वाले श्याम मैं कुछ नहीं बिन तेरे,
सँवारे पकड़ो मेरा हाथ रे......