कभी कभी मेरे दिल में ख्याल आता है
के मेरे घर में मेरे श्याम तेरा मंदिर हो
के सुबह शाम तेरी ज्योत मैं जगाता रहू
तेरी किरपा से मैं युही तुम्हे मनाता रहू
कभी कभी मेरे दिल में ख्याल आता है
मैं अपने हाथो से बाबा तेरा शिंगार करू तुझको पहनाऊ संवारे मैं तो हीरो का मुकट
और बनू दास तेरा श्याम तेरा गुणगान करू
कभी कभी मेरे दिल में ख्याल आता है रहू मैं साथ तेरे श्याम तेरी मुरली बन कर
के दर की धुल को माथे से मैं लगाता रहू
तू दया कर दे ग्यारस पे खाटू आता रहू
कभी कभी मेरे दिल में ख्याल आता है
जो निकले दम ये मेरा संवारे तू सामने हो
ये आँखे मेरी दर्श को न कभी तडपे तेरे
इतनी हसरत है श्याम हर पल मेरे साथ रहो