तेरा दरबार ही मईया , बस मुझे प्यारा है
यूँही झुकती नही दुनियाँ , मिले सहारा है
तेरा दरबार ही मईया , बस मुझे प्यारा है…...
मैंने जब जब ही पुकारा है , माँ तू आई है
तेरी कृपा जग की जननी , मैंने पाई है
मेरा तुमने सारा जीवन , है माँ सवारा है
तेरा दरबार ही मईया , बस मुझे प्यारा है…...
लेने वाली दुनियाँ देने वाली दाती तू
खाली झोली को भरे रोतो को हसाती तू
अम्बे संसार में तेरा ये ढंग न्यारा है
तेरा दरबार ही मईया , बस मुझे प्यारा है…...
तीनों लोकों में भवानी माँ , तुमसा कोई नही
मुनियों गुणियों ने सभी ने ये ही बात कही
चारों वेदों का माता ये ही अब इशारा है
तेरा दरबार ही मईया , बस मुझे प्यारा है…...
सुनती आई हो अपने भक्तों की फरियाद सदा
जो भी ले नाम तेरा बढ़ती है औकात सदा
तेरे भूलन ने तेरा नाम ही पुकारा है
तेरा दरबार ही मईया , बस मुझे प्यारा है…..