रे बाबा अपना दर्श करा दे फागुन में,
मेरा सोया भाग जगा दे फागण में,
रे बाबा अपना दर्श करा दे फागुन में,
सासु जी ने लाऊ संग ससुरा जी ने लाऊ,
नंदी के वीरा ने घुमा दे फागण में,
रे बाबा अपना दर्श करा दे फागुन में,
रे भूल गई थी अब याद आ गई,
जोगन चोले की साथ लगा दे फागुन में,
रे बाबा अपना दर्श करा दे फागुन में,
खीर चूरमे का भोग लगाउ,
ग्यारस की रात जगवा दे फागुन में,
रे बाबा अपना दर्श करा दे फागुन में,
श्याम सूंदर जी के भजन रसीले,
भगता के साथ ग्वाड़े फागण में,
रे बाबा अपना दर्श करा दे फागुन में,