पंच तत्व की काया एको ध्यान राखजो
एम लगी जाय एको ज्ञान राखजो
धन दौलत अरु माल खजीना
छूटी जायग भाई सब एक दिन
झुटी माया को मत अभिमान राखजो
एम लगी जाय एको ज्ञान राखजो
साथ नही जाय थारी महल अटारी
थारी म्हारी म उमर बिती गई सारी
भाई मन म हरि को गुणगान राखजो
एम लगी जाय एको ज्ञान राखजो
काया नगरी का तेरह दरवाजा
तीन गुप्त दस प्रगट विराजा
अरे ऊना तीन नको भी जरा भान राखजो
एम लगी जाय एको ज्ञान राखजो
प्रेषक प्रमोद पटेल
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