मैं किस विधि दर्शन पाऊं मैया बैठी रे पहाड़ों में,
यहां घोड़ा चले ना गाड़ी मै कैसे आऊं रे पहाड़ों में,
मैं किस विधि दर्शन पाऊं.....
मेरे हाथ में लोटा गंगाजल,, हे मैया,
मैं किस विधि तुम्हें नहवाऊ, की मैया बैठी रे पहाड़ों में,
मैं किस विधि दर्शन पाऊं.....
मेरा हाथ में डलिया फूलों की,, हे मैया,
मैं किस विधि हार चढ़ाऊं, की मैया बैठी है पहाड़ों में,
मैं किस विधि दर्शन पाऊं.....
मेरे हाथ कटोरी केसर की,, हे मैया,
मैं किस विधि तिलक लगाऊं, की मैया बैठी है पहाड़ों में,
मैं किस विधि दर्शन पाऊं.....
मेरा हाथ में थाली मेवा की,, हे मैया,
मैं किस विधि भोग लगाऊ, की मैया बैठी है पहाड़ों में,
मैं किस विधि दर्शन पाऊं.....
मेरे हाथ चुनरिया गोटे की,, हे मैया,
मैं किसी विधि तुम्हें औड़ाऊ, की मैया बैठी है पहाड़ों में,
मैं किस विधि दर्शन पाऊं.....
मेरे हाथ में ढोलक मंझरिया, हे मैया,
मैं किसी विधि भजन सुनाऊ, की मैया बैठी है पहाड़ों में,
मैं किस विधि दर्शन पाऊं.....