मईया ओ मईया, तेरी चुनड़ में सजाऊंगी,
चुनड़ तारो जड़ी होगी, मोतियन की लटकन होगी,
लाल लाल चूनड़ मेरी मईया को उढाऊगी,
मईया ओ मईया ,तेरा भोग में बनाऊंगी,
होगा हलवा पूडी चना, मेवा और पान बिड़ा रूच रूच के भोग,
मेरी मैया को लगाऊंगी
मईया ओ मईया तेरा श्रृंगार सजाऊंगी,
करूं सोलह श्रृंगार, गले फूल की माल,
हंस हंस के मईया का रूप संवारुगी,
मईया ओ मईया तेरी रात जगाऊंगी,
तेरी चौकी में सजाएं भक्तों को बुलाऊं
गा गा कर रश्मि भजन सुनायेगी
मईया ओ मईया तेरा मंदिर सजाऊंगी,
चढ़ाऊं छत्तर त्रिशूल जलाऊं धूप और दीप,
चढ़ चढ़ कर उनकी मईया ध्वजा में पहराऊंगी,
मईया ओ मईया, तेरी चुनड़ में सजाऊंगी
डॉ. रश्मि सोनी
मुंबई