तेरे चलाये से चले कावड़ गरीब की,
हाथो मे तेरे सौंप दी मैंने ये ज़िंदगी,
तेरे चलाये से चले कावड़ गरीब की,
आया जो तेरे दर पे एहसान है तेरा,
बिगड़ी को बनाना प्रभु अब काम है तेरा,
मैंने सुना तू बदले है रेखा नसीब की,
तेरे चलाये से चले कावड़ गरीब की,
आया हु आस लेके अब देर ना करो,
खाली है झोली मेरी विनती मेरी सुनो,
झुकती ये सारी दुनिया तेरे दर पे युही नहीं,
तेरे चलाये से चले कावड़ गरीब की,
घट घट का वासी तू है संसार है तेरा,
तेरा सिवा ओ भोले कोई नहीं मेरा,
मेरी दशा सुधार दो मुझे दीखता कुछ नहीं,
तेरे चलाये से चले कावड़ गरीब की,