मैईया लक्छमी आबू बिगरल काज बनाबू
जे किश्मत के मारल मैया हुनकर भाग्य जगाबु
रत्ना कर स प्रगट भेलो माँ सागर सुता कहाबै छी
छीर समुंदर शेषनाग पर विष्णु क चरण दबाबै छी
सुर नर मुनि सब कहै ये मईया हमरा नै बिस्राबु।
मैईया लक्छमी आबू....
आहाँ बिन माँ तीनु लोक में काज सब रुईकी जाइये
यज्ञ हवन पूजन कीर्तन माँ दान नै भ पावईये
एक नजर फेरु हे मईया सब संकट के मिटा बु
मईया लक्छमी आबू......
प्यासा गाबे भजन आहाँ के गाबे नर और नारी
खुईल जाइ किश्मत हुनकर माँ जिनका पर आहाँ बलिहारी
सब के घर दीपावली के दिन छम छम करैत आबू
मैईया लक्छमी आबू...
हेमकान्त झा प्यासा
Hemkant jha प्यासा
9831228059