आजे वल्लभ पधारया म्हारे आँगने रै,
उर मां आनन्द थाय
आजे वल्लभ पधारया मारे आँगने रै,
उर मां आनन्द थाय
मैं तो मोतीड़ा ना चौक पूरावियाँ,
मैं तो कदली ना स्तम्भ छै रोपावियाँ,
हैये हरक न माय,
आजे वल्लभ पधारया मारे आँगने रै,
उर मां आनन्द थाय।
हूँ तो फुलड़ा मगाऊं भात भात ना,
रुड़ा हार गुन्थानून पारिजात ना,
वधावु श्री गोकुल नाम,
आजे वल्लभ पधारया मारे आँगने रै,
उर मां आनन्द थाय
हूँ तो कर जोड़ी ने विनंती करू,
मारा वाला ना चरणे आ शीश धरूँ,
उर जो मारी आये
आजे वल्लभ पधारया मारे आँगने रै,
उर मां आनन्द थाय