भजन के शब्द :
भक्त तेरा बनूँगा कभी ना कभी ।
तेरी पूजा करूँगा कभी ना कभी ।।
मैं पतित हूँ तो प्रभु हो पतित पावना ।
दीनवत्सल है तू दीन हूँ मोहना ।।
नाथ ले लो शरण में कभी ना कभी ।
तेरी पूजा करूँगा...
है अधम का उद्धारक तो मैं हूँ अधम ।
पापियों को तू तारा मैं जानूँ मरम ॥
तार दोगे अगर तुम कभी ना कभी ।
तेरी पूजा करूँगा...
भीलनी गीध-गणिका को भी तारता ।
दुष्ट को मारकर कान्त उद्धारता ॥
है ये भक्तों की इच्छा कभी ना कभी ।
तेरी पूजा करूँगा कभी ना कभी ।।