सँवारे की सेवा में जो भी रमजाते है ,
बाबा ही संभाले उन्हें वो फिर दुःख ना पाते है.,
जीवन में होते इतने झमेले एक दिन तो इंसान जाता अकेले,
बिता समय तो पछताते है,
साँवरे की सेवा में...
अपना सगा हमने जिसको माना मुश्किल पड़ी तो निकला बेगाना,
संकट में बाबा ये काम आते है,
साँवरे की सेवा में.....
वक़्त सभी का बनता बिगड़ता समजे नाझाकत वो है संबलता,
गीता में भगवन समझाते है,
साँवरे की सेवा में
मन और वचन कर्म हो एक तेरा चोखानी तो फिर कटता फेरा,
सात कर्म ही गिनी रह जाते है,
साँवरे की सेवा में.....