हार के क्यों बैठ्यो है श्याम ने पुकार ले,
साँची साँची बोलू तने जीवन सवार ले
जितना हरयोडा जग में से को ये सहारो है
लाखो लाखो भगता का संकट टारेयो है,
के सोचे वानवला तू बिगड़ी सुधार ले
साँची साँची बोलू तने जीवन सवार ले
बीती बिसार दे तू सुध लेके आगे की
अब भी समय है प्यार ओट लेले बाबे की
शरण पड़ेया ने बाबो करे भव पार रे
साँची साँची बोलू तने जीवन सवार ले
टिके चरना के माहि सुख घनो पावे लो
श्याम कहे ऐसे मोको फिर कब आवे लो
चार दिना को जीवन चरना में गुजार ले
साँची साँची बोलू तने जीवन सवार ले