कन्हैया काहे सताते हो

कन्हैया काहे सताते हो कभी कंकरिया मार तोड़े मटकी हमार
कभी माखन चुराते हो
कन्हैया काहे सताते हो कभी कंकरिया मार तोड़े मटकी हमार

गईया चराते हो यमुना किनारे तेरे ही जैसे सखा तेरे सारे
रोके रस्ता कभी चोटी खीचे कभी तुम सब को सिखाते हो
कन्हैया काहे सताते हो कभी कंकरिया मार तोड़े मटकी हमार

देखा तुम्हे सब ने माखन चुराते
नटखट बड़े हो पकड़ में ना आते
जाके पुछु किसे तुम तो चाहो जिसे ऊँगली पे नचाते हो
कन्हैया काहे सताते हो कभी कंकरिया मार तोड़े मटकी हमार

केहता है मन मेरा होके दीवाना भाता है मुझको यु तेरा सताना
तेरी तृषि नजर जाए जीवन सुधर जाहपे मुरली भजाते हो
कन्हिया काहे सताते हो
श्रेणी
download bhajan lyrics (510 downloads)