माँ देवकी की वेदना :
इसी ओर से, मेरी गोद से
इसी ओर से, मेरी गोद से,
कहीं ले गये थे है हाल क्या ?
मेरे लाल का-मेरे लाल का ।।
अब रैन है वह सो रहा,
हाँ सो रहा-हाँ सो रहा ।
करो शोर ना, नहीं बोलना,
कहीं कुछ पता नहीं हाल क्या ?
मेरे लाल का-मेरे लाल का ।।
अब है सुबह वह जग रहा,
कहीं हँस रहा, कहीं रो रहा ।
कुछ देखता, कुछ बोलता,
नहीं जानती हूँ है हाल क्या ?
मेरे लाल का-मेरे लाल का ।।
कहीं झूलता, कहीं खेलता,
कहीं बैठता, कहीं दौड़ता ।
किस है डगर, किस है नगर,
कुछ तो बता दो है हाल क्या ?
मेरे लाल का-मेरे लाल का ।।
श्रीकान्त तुम नहीं जानते,
नहीं जानते-नहीं जानते ।
माँ देवकी, हुई बावरी,
फिर भी पता नहीं हाल क्या ?
मेरे लाल का-मेरे लाल का ।।
श्री श्रीकान्त दास जी महाराज ।