संत समागम हरि कथा,
तुलसी दुर्लभ दोय,
सुत दारा और लक्ष्मी,
पापी के भी घर होय।
कुण तो लाया तूम्बड़ा,
ने कुण तो नागर बेल,
भाई भाई,
कुण तो लाया तूम्बड़ा,
ने कुण तो नागर बेल,
कुण तो लाया रै संतो री अमर बेल,
कुण तो लाया रे संतो री अमर बेल।
अरे शिवजी तो लाया तूम्बड़ा,
पार्वता नागर बेल,
गोरख जी लाया रै,
संतो री अमर बेल,
कुण तो लाया तूम्बड़ा,
ने कुण तो नागर बेल,
कुण तो लाया रै संतो री अमर बेल,
कुण तो लाया रे संतो री अमर बेल।
किण ने देवां रै तूम्बड़ा,
किण ने नागर बेल,
किण ने देवा रै,
संतों री अमर बेल,
शिवजी ने देवा तूम्बड़ा,
पार्वता ने नागर बेल,
गोरखजी ने देवा रै,
संतो री अमर बेल,
कुण तो लाया तूम्बड़ा,
ने कुण तो नागर बेल,
कुण तो लाया रै संतो री अमर बेल,
कुण तो लाया रे संतो री अमर बेल।
कठे बूआड़ु तूम्बड़ा,
कठोड़े नागर बेल,
कठे बूआड़ु संतो री अमर बेल,
पगा बवाडु तुम्बडा,
बगीचा नागर बेल,
भजना में बूआड़ु,
संतो री अमर बेल,
किण ती सींचूँ तूम्बड़ा,
भई किण ती नागर बेल,
किण ती सींचूँ रे संतो री अमर बेल,
घी स्यूं सीचु तुम्बडा,
दूदा स्यूं नागर बेल,
शब्दों ती सींचूँ संतो री अमर बेल,
कुण तो लाया तूम्बड़ा,
ने कुण तो नागर बेल,
कुण तो लाया रै संतो री अमर बेल,
कुण तो लाया रे संतो री अमर बेल।
सुखन लागा तूम्बड़ा,
कुमलीजै नागर बेल,
कूम्पल तो संतो री अमर बेल,
राजा भरतरी विनती,
सुनो सब चित्त लाय,
अमर तो होइजो रै संतो री अमर बेल,
कुण तो लाया तूम्बड़ा,
ने कुण तो नागर बेल,
कुण तो लाया रै संतो री अमर बेल,
कुण तो लाया रे संतो री अमर बेल।
कुण तो लाया तुम्बडा,
कुण तो नागर बेल,
कुण तो लाया रे संतो री अमर बेल,
कुण तो लाया रे संतो री अमर बेल