मनमोहनी है छवि ये तुम्हारी

मनमोहनी है छवि ये तुम्हारी,
हटती नहीं है बाबा नजरें हमारी,

सर पे मुकुट और कानों में कुंडल,
माथे पे हीरा आंखें ये चंचल,
अधरों पे लगती मुरली है प्यारी।

पुष्पों की माला से बागा सजा है,
उस पे सुगंधित इत्र लगा है,
महक रहे हो श्याम बिहारी।

दरबार तेरे जो दर्शन को आए,
भक्त जो देखे तुझे देखता ही जाए,
'आकाश' गूंजे जय कार थारी
श्रेणी
download bhajan lyrics (433 downloads)