किरपा जो की तुमने निर्धन का नाम हो गया,
टूटी नैया क माजी खाटू का श्याम हो गया,
किरपा जो की तुमने निर्धन का नाम हो गया,
तेरी शरण में रेहना है श्याम श्याम अब केहना है,
रोते हुए हो हसाया हारे का साथ निभाया
तेरे इस खाटू में बाबा दिल मेरा खो गया
किरपा जो की तुमने निर्धन का नाम हो गया,
प्यारा लगे मेरे श्याम का दर साथ है बाबा कैसा डर
तेरा दर्श हमे मिलता रहे दुःख जीवन का टल ता रहे,
दर्श किया जिसने भी तेरा प्रेमी हो गया
किरपा जो की तुमने निर्धन का नाम हो गया,
तू हारे का सहारा है गिरते हुए को उभारा है
अविनाश महिमा गाये तेरी मेहरबा बाबा ये
श्याम प्रेमी बन गया वो बाबा खाटू में वो गया
किरपा जो की तुमने निर्धन का नाम हो गया,