है छोटी सी एक आस मेरी,
वो श्याम तू पूरी कर देना,
जब सीष झुकाऊं चरणों में,
मेरे सिर पे तू हाथ धर देना।
है छोटी सी एक आस मेरी,
वो श्याम तू पूरी कर देना।
ना माँगू तुमसे धन दौलत,
ना लालच माल खजाने की,
है एक तमन्ना मेरी भी,
खाटू दरबार में आने की,
ये विनती मेरी सुन लेना,
सेवक मुझको तू चुन लेना,
दिन रात करू सेवा तेरी,
प्रभु मुझ को ऐसा वर देना,
है छोटी सी एक आस मेरी,
वो श्याम तू पूरी कर देना।
क्या तेरा फर्ज नहीं बाबा,
भक्तों के घर में आने का,
क्या मेरा इतना हक भी नहीं,
तुम्हे अपने घर में बुलाने का,
इतनी भी परीक्षा क्यों लेता,
स्वीकार तू अर्जी कर लेना,
मैं चाकर, मेरा मालिक तू,
इतना सा काम तू कर देना,
है छोटी सी एक आस मेरी,
वो श्याम तू पूरी कर देना।
ये सुरेश राजस्थानी भी,
तेरी ही राह निहारे हैं,
कब आओगे तुम घर मेरे,
बैठा दिन रेन गुजारे हैं,
मुझे आकर दरस तू दे देना,
इतनी सी कृपा कर देना,
मैं करता रहूं सेवा तेरी,
मेरी सारी विपदा हर लेना,
है छोटी सी एक आस मेरी,
वो श्याम तू पूरी कर देना।