तेरी मीरा बन के जी लुंगी

जो तेरी मर्जी से बदली जा मेरा माथे मा लकीर नहीं,
तेरी मीरा बन के जी लुंगी मने बन न तेरी हीर नहीं,
मेरे अंदर तू बस गया मने मंदिर जाना छोड़ दियां
तेरे नाम का जाम पी लिया नशा पुराना छोड़ दियां ,
तेरे चरना का होया ठिकाना ठोकर खाना छोड़ दियां,
मैं तेरी तू किसी और का न तने भुलाना छोड़ दियां,

मेरा तेरी गलेया साँचा हो गया और किसे तसीर नहीं ,
तेरी मीरा बन के जी लुंगी मने बन न तेरी हीर नहीं,

तेरा दरवाजा खुला राखिये दर दर फिरना छोड़ दियां,
तेरी मस्ती में डूभ गई रे मने तिरना छोड़ दियां,
जी था जोड़ तेरे से कर्ली चुगली करना छोड़ दियां,
तेरी शान पे मर बैठी मैंने रोज का मरना छोड़ दियां,
तेरे सिवा मेरा दुनिया में कोई और पीताम्बर मेरे नहीं,
तेरी मीरा बन के जी लुंगी मने बन न तेरी हीर नहीं,

तू बस गया मेरी अखियां में मने सुरमा लगाना छोड़ दियां,
रंगीन हुई तेरे रंग में मैंने सतरंगी पाना छोड़ दियां,
तेरे नाम की माया में लगी माल कमाना छोड़ दियां,
खुले पड़े कवाड मेरे मने ताला लगाना छोड़ दियां
राम मेहर मेहला तू चाहिए तेरे चाहिए खोवा खीर नहीं,
तेरी मीरा बन के जी लुंगी मने बन न तेरी हीर नहीं,
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