की मुझसे प्रीत कान्हा खोटी
कऊएं को खिलाई माखन रोटी -2
तेरी दीवानी जो ना होती
सारी उम्र वृह में ना रोती........ -2
उद्धार मौर का कर दिया
सिर मौर मुकट धर लिया -2
की मुझसे प्रेम लीला झूठी।
कऊएं को खिलाई माखन रोटी......
जैसे बंसी अधर लगाती तू
ऐसी मुझसे प्रीत निभाती तू -2
तर जाती चरण जो लगाई होती।
कऊएं को खिलाई माखन रोटी......
राधा रानी को दुलराया
तूने मुझे कन्हईया ठुकराया -2
मुझे समझ के दास छोटी।
कऊएं को खिलाई माखन रोटी......
की मुझसे प्रीत कान्हा खोटी
कऊएं को खिलाई माखन रोटी -2
तेरी दीवानी जो ना होती
सारी उम्र वृह में ना रोती..........