झूला झूलन पधारो
झूला झूलन पधारो श्यामा कुंज बिहारी।
श्यामा कुंज बिहारी, राधा रसिक बिहारी।
श्यामा बांके बिहारी, राधा रमण बिहारी।
राधावल्लभ लाल, युगल जोरी उजियारी-झूला झूलन पधारो
आई सावन बहार, करे पवनियां शोर।
छाई घटा घनघोर, नाचें मोर चकोर ।।
नाचें भौर पपीहे, कूके कोयल कारी-झूला झूलन पधारो.
घुंघट कलियों ने खोले, आया फूलों पे शबाब ।
चंदन केसर चम्बा, महके मोतिया गुलाब ।।
रसभरी बूंदा-बांदी, चहूं ओर हरियारी-झूला झूलन पधारो.
पड़ा यमुना किनारे, झूला कदम्ब की डार।
ऋतु बड़ी ही सुहानी, पड़े शीतल फुहार ।।
छाया हर्षोल्लास, छाई मस्ती है भारी-झूला झूलन पधारो. झूला पड़ा है तैयार, होवे जय जयकार।
आवो आवो 'मधुप', हरि युगल सरकार ।।
आवो झूला झुलावो, हो रही इन्तज़ारी-झूला झूलन पधारो